Contents
- 1 केराटोमाइल्यूसिस क्या है – What Is Keratomileusis In Hindi
- 2 केराटोमाइल्यूसिस के प्रकार – Types Of Keratomileusis In Hindi
- 3 केराटोमाइल्यूसिस के कार्य – Functions Of Keratomileusis In Hindi
- 4 केराटोमाइल्यूसिस के फायदे – Benefits Of Keratomileusis In Hindi
- 5 केराटोमाइल्यूसिस की सीमाएं – Limitations Of Keratomileusis In Hindi
- 6 निष्कर्ष – Conclusion In Hindi
- 7 आई मंत्रा – Eye Mantra In Hindi
केराटोमाइल्यूसिस क्या है – What Is Keratomileusis In Hindi
केराटोमाइल्यूसिस एक अपवर्तक (रिफ्रैक्टिव) सर्जरी है। कई प्रकार और फायदे वाली इस प्रक्रिया को सीके के नाम से भी जाना जाता है। केराटोमाइल्यूसिस का उपयोग अक्सर निकट दृष्टिदोष (मायोपिया), दूरदर्शिता (फरसाइटेडनेस) और दृष्टिवैषम्य (एस्टिग्मेटिज्म) वाले लोगों में दृष्टि सुधार के लिए किया जाता है। सर्जरी में कॉर्निया के आकार को बदलने के लिए लेजर का उपयोग शामिल है। आमतौर पर केराटोमाइल्यूसिस दो प्रकार के होते हैं: फोटोरिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी (पीआरके) और लेजर-असिस्टेड इन सीटू केराटोमाइल्यूसिस (एलएएसआईके)।
यह लेजर विजन सर्जरी के प्रकार हैं, जिनमें से प्रत्येक के अपने फायदे और नुकसान हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में आपको केराटोमाइल्यूसिस का अर्थ, प्रकार और कार्य सहित सर्जरी के लिए सही उम्मीदवार सहित कई जरूरी जानकारी प्रदान की गई है। साथ ही प्रक्रिया से जुड़े कुछ सामान्य सवालों के जवाब भी दिए गए हैं। अगर आप केराटोमाइल्यूसिस सर्जरी पर विचार कर रहे हैं, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसलिए, किसी भी सर्जरी पर आखिरी फैसला लेने से पहले आपको अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।
केराटोमाइल्यूसिस के प्रकार – Types Of Keratomileusis In Hindi
इस सर्जरी के कई प्रकार हैं, जिनमें से प्रत्येक के अलग-अलग फायदे और कमियां हैं। लेसिक इसका सबसे लोकप्रिय प्रकार है, जो कॉर्निया में एक पतली फ्लैप बनाने के लिए लेजर का उपयोग करता है। अन्य प्रकारों में पीआरके, सीके और फ्लेक्स शामिल हैं। लेसिक सबसे लोकप्रिय प्रकार का केराटोमाइल्यूसिस इसलिए है, क्योंकि यह तेज़ है और इसकी सफलता दर काफी उच्च है। हालांकि, इसके कुछ जोखिम भी हैं, जैसे सूखी आंखें (ड्राय आई सिंड्रोम) और रात के समय दृष्टि संबंधी समस्याएं होना (नाइट विजन प्रॉब्लम)।
- पीआरके- यह एक अन्य सामान्य प्रकार का केराटोमाइल्यूसिस है। इसमें सर्जन को फ्लैप बनाने की जरूरत नहीं होती है। इन्हीं कारणों से पीआरके में जटिलताओं का कम जोखिम होता है। हालांकि, लेसिक के मुकाबले इसे ठीक होने में ज्यादा समय लगता है और इसकी सफलता दर थोड़ी कम होती है। पीआरके के अन्य प्रकारों में ट्रेडिशनल पीआरके, लासेक और एपी-लासेक सहित कई प्रकार शामिल हैं।
- सीके- इस नए प्रकार के केराटोमाइल्यूसिस में कॉर्निया को दोबारा आकार देने के लिए लेजर का इस्तेमाल किया जाता है। सर्जनों के अनुसार, इस सर्जिकल प्रक्रिया की सफलता दर बहुत ज्यादा है। हालांकि, अन्य प्रकार के केराटोमाइल्यूसिस की तुलना में इसका रिकवरी पीरियड कम होता है।
- फ्लेक्स- अन्य प्रकार की सर्जरी के मुकाबले केराटोमाइल्यूसिस का यह प्रकार ज्यादा महंगा है। फ्लेक्स में दृष्टि को सही करने के लिए सर्जन आर्टिफिशियल लेंस का उपयोग करते हैं। इस सर्जरी की सफलता दर काफी उच्च है। इसी वजह से इसका उपयोग कई अलग-अलग प्रकार की दृष्टि समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, यह अभी तक संयुक्त राज्य अमेरिका में एफडीए द्वारा अप्रूव नहीं है।
केराटोमाइल्यूसिस के कार्य – Functions Of Keratomileusis In Hindi
केराटोमाइल्यूसिस का कार्य इस तथ्य पर आधारित है कि जब कॉर्निया को ब्लेड से काटा जाता है, तो यह जल्दी और बिना किसी निशान के ठीक हो जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि कॉर्निया में पोषक तत्वों और ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए रक्त वाहिकाएं नहीं होती हैं। केराटोमाइल्यूसिस के दौरान किए गए चीरे इतने छोटे और सटीक होते हैं कि वह आसपास के ऊतकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
इस सर्जरी के पहले चरण में एनेस्थेटिक ड्रॉप्स से आंख को सुन्न करना शामिल है। फिर आंख को हिलने से बचाने के लिए एक सक्शन रिंग लगाई जाती है। इसके बाद एक माइक्रोकेराटोम नाम के सर्जिकल उपकरण का उपयोग करके सर्जन कॉर्निया से ऊतक की एक पतली परत को हटा देते है। इस परत को एपिथेलियम के नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर यह कॉर्निया को इंफेक्शन से बचाने के लिए जिम्मेदार होती है, जो कुछ दिनों में वापस बढ़ जाती है।
इसके बाद अगला कदम एक एक्सीमर लेजर का उपयोग करके कॉर्निया को फिर से आकार देना है। इसमें सर्जन लेजर का उपयोग करके कॉर्निया से ऊतक को हटाते हैं और उसका आकार बदलते हैं। इसके ठीक होने के बाद ही आपकी आंख पर एक कॉन्टैक्ट लेंस लगाया जाता है। आमतौर पर आपकी आंख को पूरी तरह से ठीक होने में लगभग दो हफ्ते का समय लगता है। हालांकि, इस दौरान आपको कुछ साइड इफेक्ट्स का अनुभव हो सकता है। इनमें धुंधली दृष्टि और प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता आदि शामिल हैं।
केराटोमाइल्यूसिस के फायदे – Benefits Of Keratomileusis In Hindi
कई प्रकार से फायदेमंद होने के कारण केराटोमाइल्यूसिस ज्यादातर सर्जनों और मरीजों के बीच सबसे लोकप्रिय प्रक्रिया है। इसके कुछ फायदे इस प्रकार हैं:
- यह मायोपिया (निकट दृष्टिदोष), हाइपरोपिया (दूरदर्शिता) और एस्टिग्मेटिज्म (दृष्टिवैषम्य) सहित अपवर्तक त्रुटियों की एक विस्तृत श्रृंखला का इलाज कर सकती है।
- उच्च सफलता दर वाली इस सर्जरी को एक सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया के तौर पर देखा जाता है।
- इसमें टांके या एनेस्थीसिया की कोई जरूरत नहीं है।
- बच्चों और वयस्कों दोनों पर केराटोमाइल्यूसिस सर्जरी का उपयोग किया जा सकता है।
- इसमें रिकवरी का समय कम है और आमतौर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं।
- लेसिक जैसी अन्य प्रकार की अपवर्तक सर्जरी पर भी इस प्रक्रिया के कई फायदे हैं। इनमें से कुछ फायदों में शामिल हैं:
- यह पतले कॉर्निया वाले मरीजों पर किया जा सकता है।
- इस प्रक्रिया के बाद मरीज की आंखों में सूखेपन का खतरा कम होता है।
- रात के समय दृष्टि संबंधी समस्या होने का कम जोखिम है।
- आमतौर पर नतीजे समय के साथ ज्यादा स्थिर होते हैं।
अगर आप केराटोमाइल्यूसिस पर विचार कर रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करने के लिए एक अनुभवी और प्रतिष्ठित सर्जन से परामर्श करना सुनिश्चित करें कि आप इस प्रक्रिया के लिए एक अच्छे उम्मीदवार हैं। इससे आपको अपनी व्यक्तिगत जरूरतों और अपेक्षाओं को पूरा करने में मदद मिल सकती है।
केराटोमाइल्यूसिस की सीमाएं – Limitations Of Keratomileusis In Hindi
केराटोमाइल्यूसिस की कई सीमाएं हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- यह बहुत सही या सटीक प्रक्रिया नहीं है।
- इसके नतीजे हमेशा सही नहीं होते हैं और काफी अप्रत्याशित भी हो सकते हैं।
- यह बहुत ही महंगी सर्जरी है, जिसमें उच्च जोखिम की संभावना शामिल है।
- इसमें रिकवरी का समय काफी ज्यादा होता है। साथ ही दर्द, सूजन और लालपन जैसे दुष्प्रभाव हफ्तों या महीनों तक बने रह सकते हैं।
इन सीमाओं के बावजूद अपेक्षाकृत उच्च सफलता दर और कम जटिलता दर की वजह से केराटोमाइल्यूसिस को सबसे लोकप्रिय अपवर्तक सर्जरी प्रक्रियाओं में से एक माना जाता है। अगर आप इस प्रक्रिया पर विचार कर रहे हैं, तो कोई भी फैसला लेने से पहले एक योग्य और अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना सुनिश्चित करें। इससे आप जान सकते हैं कि यह सर्जरी आपके लिए सही है या नहीं।
निष्कर्ष – Conclusion In Hindi
केराटोमाइल्यूसिस को 95 प्रतिशत से ज्यादा सफलता दर के साथ दृष्टि में सुधार का सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है। हालांकि, इसमें कुछ जोखिम शामिल हैं, जो आमतौर पर मामूली होते हैं। हालांकि, आपके सर्जन द्वारा इन्हें आसानी से प्रबंधित किया जा सकता है। अगर आप इस प्रक्रिया पर विचार कर रहे हैं, तो सबसे बेहतर संभव नतीजे सुनिश्चित करने के लिए जल्द से जल्द एक अनुभवी और प्रतिष्ठित नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना सुनिश्चित करें।
हमें उम्मीद है कि केराटोमाइल्यूसिस और इससे संबंधित अन्य जानकारी प्रदान करने वाला यह लेख आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा। अगर आपके पास इस सर्जिकल प्रक्रिया से जुड़े कोई सवाल हैं या आप केराटोमिल्यूसिस के बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं, तो आज ही हमारे अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञों से संपर्क करें। हमारी आई मंत्रा की योग्य टीम आपको मुफ्त परामर्श प्रदान करती है और आपकी समस्या का निदान करने में पूरी तरह सक्षम है।
आई मंत्रा – Eye Mantra In Hindi
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