Contents
- 1 सोते समय आंखों में कीचड़ आना क्या है? Sleep Crust Kya Hai?
- 2 आंखों में कीचड़ कैसे बनता है? Sleep Crust Kaise Banta Hai?
- 3 आंखों में कीचड़ के लक्षण – Eye Crusts Ke Lakshan
- 4 आंखों की कीचड़ के प्रकार – Eye Discharge Ke Prakar
- 5 बच्चों की आंखों में कीचड़ आना – Bachchon Me Sleep Crusts
- 6 घरेलू उपचार – Gharelu Upchar
- 7
- 8
- 9
- 10 निष्कर्ष – Nishkarsh
सोते समय आंखों में कीचड़ आना क्या है? Sleep Crust Kya Hai?
सोते समय आंखों में कीचड़ आना या आंखों में पपड़ी जमना (स्लीप क्रस्ट) आंख की सुरक्षात्मक प्रक्रिया का एक अवशेष है। आमतौर पर इस चिपचिपे पदार्थ को आई गूप या आई गंक के नाम से जाना जाता है, जो हमारे जागने के बाद आंख के कोने में या पलकों के किनारे पर पाया जाता है।
सोते समय आंखों में कीचड़ मुख्य रूप से बलगम, एक्सफ़ोलीएटेड त्वचा कोशिकाओं, तेल और आंसू वाहिनी द्वारा उत्पादित आंसू का एक बचा हुआ मिश्रण है। यह हानिरहित होता है और आंखों से गंदगी को हटाने का एक तरीका है। आमतौर पर आप इसे सुबह अपनी आंखों के अंदरूनी कोने पर देख सकते हैं, जिसे साफ पानी से धीरे से पोंछने की सलाह दी जाती है।
आंखों में कीचड़ कैसे बनता है? Sleep Crust Kaise Banta Hai?
दिन के समय जागते वक्त हमारी कंजक्टिवा सामान्य बलगम बनाती है और मीबोमियन ग्रंथियों द्वारा बनने वाले अन्य तेलों को पलकों को झपका कर बाहर निकाल दिया जाता है। तीन परतों से बनी एक टियर फिल्म हमारी आंखों को नम और स्वस्थ रखती है। रात को सोते समय हम पलकें नहीं झपका पाते हैं, जिसके कारण आंखों के कोने पर और पलकों की रेखा के साथ अलग-अलग ग्रंथियों से आंखों का स्राव जमा हो जाता है। आंखों का स्राव कठोर, पपड़ीदार, चिपचिपा और गीला हो सकता है।
क्या सोते समय आंखों में पपड़ी जमा होना सामान्य है?
जब हम जागते हैं, तो हमारी आंखों के कोने में या पलकों की रेखा के साथ चिपचिपा पदार्थ मिलना सामान्य है जो हर किसी की आंखों में हो सकता है। आंखों की पपड़ी आमतौर पर गेरू या पीले रंग की दिखती है। सख्त और खुरदुरी दिखने वाली यह पपड़ी साफ, चिपचिपी, पतली या पानी वाली भी हो सकती हैं।
आंखों में कीचड़ अलग-अलग प्रकार के होते हैं और कुछ विशिष्ट नहीं होते हैं। इनमें से कुछ स्लीप क्रस्ट को आंखों में किसी संक्रमण होने का लक्षण माना जाता है। इन्हीं स्थितियों में से एक ब्लेफेराइटिस है, जो सुबह नींद की पपड़ी का कारण बनती है।
ब्लेफेराइटिस पलकों की सूजन है और आमतौर पर यह दोनों आंखों को प्रभावित करती है। यह समस्या पलकों के आधार के पास तेल ग्रंथियों के दबने की वजह से होती है, जिससे आंखों में या आसपास जलन और लालपन होता है।
आंखों में कीचड़ के लक्षण – Eye Crusts Ke Lakshan
आंखों में कीचड़ के कुछ लक्षण असामान्य हैं, जैसे-
- हरे-पीले या सफेद रंग का स्राव
- चिपचिपी पलकों के कारण आंख खोलने में परेशानी
- धुंधली दृष्टि
- हल्की संवेदनशील आंखें
- लालपन
- सूजन
- आंखों में दर्द
अगर आपको आंखों में कीचड़ के साथ इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत किसी आंखों के डॉक्टर से संपर्क करें।
आंखों की कीचड़ के प्रकार – Eye Discharge Ke Prakar
सोते समय आंखों में बनने वाले कीचड़ या पपड़ी के अलावा कई अलग-अलग प्रकार की आंखों की स्थिति दर्दनाक आंखों के डिस्चार्ज और सूजन का कारण बन सकती है। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- गुलाबी आंख: आमतौर पर गुलाबी आंख को कंजक्टिवाइटिस के नाम से जाना जाता है, जो आंखों में लालपन और सूजन का कारण बनता है। इस स्थिति में हरे, पीले और सफेद रंग का स्राव भी होता है। गुलाबी आंख बैक्टीरिया, वायरस या एलर्जी के कारण होती है।
- आंख पर गुहेरी: आंख पर गुहेरी (आई स्टाई) पलकों में पाई जाने वाली अवरुद्ध ग्रंथियां यानी गांठ हैं। आई स्टाई आमतौर पर सूजन या गांठ का कारण बनती हैं, जो बेहद दर्दनाक होती हैं और खुजली का कारण बनती हैं, जिन्हें गर्म सेक (वार्म कंप्रेस) से दूर किया जा सकता है।
- आंख की चोट: कॉर्नियल खरोंच जैसी आंख की चोट के कारण आंखों में सूजन और खुजली हो सकती है।
- आंख में किसी चीज़ का चले जाना: आंख में फंसी कोई भी छोटी चीज़ आंखों में जलन पैदा कर सकती है, जिसकी वजह से आंखें पानीदार, कोमल और प्रकाश के प्रति संवेदनशील हो सकती हैं।
- ब्लेफेराइटिस: इसमें आंखों में सूजन और लालपन के साथ-साथ आंखों से डिस्चार्ज भी हो सकता है।
बच्चों की आंखों में कीचड़ आना – Bachchon Me Sleep Crusts
नवजात शिशुओं की आंखों में भी कीचड़, पपड़ी और बलगम (स्लीप क्रस्ट) जमा हो सकता है, लेकिन इससे आंखों में संक्रमण भी विकसित हो सकता है। कुछ नवजात शिशुओं में आंसू नलिकाएं (टियर डक्ट) पूरी तरह से विकसित नहीं होती हैं, जिससे यह नलिकाएं ब्लॉक हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों की आंखों से पूरे दिन हरे-पीले रंग का डिस्चार्ज होता है, जिससे आंखें कोमल, लाल और सूजी हुई हो जाती हैं। इस तरह के संक्रमण को गर्म सेक से कम किया जा सकता है। खासतौर से सुबह के समय आंखों में जमा होने वाले कीचड़ अपेक्षाकृत सामान्य होते हैं, लेकिन कभी-कभी यह संक्रमण का संकेत भी देते हैं। एक नेत्र रोग विशेषज्ञ ही इसके उचित उपचार की सलाह देने के साथ ही इसके लिए सही दवाएं लिख सकते हैं।
घरेलू उपचार – Gharelu Upchar
आंखों से निकलने वाली सामान्य कीचड़ को घर पर हटाना आसान होता है। अगर यह पपड़ी सख्त लगती है, तो पानी का इस्तेमाल करते हुए उन्हें साफ हाथों से धीरे से पोंछ लें। आपको अपनी आंखों को गंदे हाथों से साफ नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करना सूजन और संक्रमण का कारण भी हो सकता है। अच्छी आंखों की स्वच्छता आंखों में जमा होने वाले कीचड़ या पपड़ी की परत को कम कर सकती है, जो इस प्रकार है:
- आंखों का मेकअप हटाएं- रात को सोने से पहले आंखों का मेकअप हटाना ज़रूरी है, क्योंकि इससे आंखों की समस्या होती है और आंखों में कीचड़ की परत बढ़ जाती है।
आंखों की स्वच्छता बनाए रखें- आंखों को गर्म पानी से पोंछकर साफ रखना उन उपायों में से एक है, जिसे इस्तेमाल करके आप आंखों की स्वच्छता को बरकरार रख सकते हैं। इसके साथ ही आपको अपनी आंखों को कीटाणुओं और बैक्टीरिया से बचाना चाहिए।
- आंखों को न रगड़े- आंखों को रगड़ने या मलने से भले ही आपको अच्छा लगे, लेकिन ऐसा करने से आपकी आंखों को गंभीर नुकसान हो सकता है, क्योंकि इससे आपकी कॉर्निया प्रभावित होती है। अगर पहले कभी आपकी कोई आंख की सर्जरी हुई है, तो ऐसे में आपको ज़्यादा सावधानी बरतने की ज़रूरत होती है।
- कॉन्टैक्ट लेंस से बचें- अगर आपको बार-बार नींद आने का अनुभव होता है, तो कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से बचें।
निष्कर्ष – Nishkarsh
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